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COMPUTER ~ INPUT DEVICE Full Details in Hindi

COMPUTER ~ INPUT DEVICE Full Details in Hindi 

Input Device क्‍या है ?

Input Device एक Peripheral Device होता है जो की Computer में Data को Enter करने या Feed करने में उपयोग होता है। इनपुट डिवाइस यूजर को Computer से Communicate (बातचीत) करने में Help करता है। दुसरे शब्दों में कहें तो वैसा Device जो Computer को Instruction देने के लिए Use होता है उसे Input Device कहा जाता है।

जैसे :- Keyboard, Mouse, Joystick, MICR, OCR

Input Device Diagram 



Note: - Peripheral Device का बाह(बाहरी) यंत्र होता है। यह एक ऐसा Device होता है जो की एक Computer को स्टार्ट करने के लिए Essential (जरुरी) नहीं होता है मतलब की Peripheral Device वैसे Device को कहा जाता है जो की Computer का Part नहीं होता है जिसे अलग से जोड़ा जाता है।

1. Keyboard Device:- कीबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य Input उपकरण है। बहुत सारी कुंजियों का समुह जो कंप्यूटर को निर्देश देने के काम आता है कंप्यूटर कीबोर्ड कहलाता है।

👉  Keyboard का आविष्कार Christopher Latham Sholes ने किया था। 1868 में, पहले व्यावहारिक आधुनिक टाइपराइटर का पेटेंट कराया।

कीबोर्ड का फुल फॉर्म

K – Keys
E – Electronic
Y – Yet
B – Board
O – Operating
A – A to Z
R – Response
D – Directl
y




Keyboard keys मुख्य रुप से पांच प्रकार की होती है।

1. एल्फानुमेरिक कुंजियाँ (Alphanumeric Keys)
2. मॉडिफायर कुंजियाँ (Modifier Keys)
3. न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad)
4. फंक्शन की (Function Keys)
5. विशिष्ट उददेशीय कुंजियाँ (Special Purpose Keys)
6. कर्सर कुंजियाँ (Curse Keys)

 
एल्फानुमेरिक कुंजियाँ (Alphanumeric Keys)

Alphanumeric Keys की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होती हैं| Alphanumeric Keys में Alphabets (A-Z), Number (0-9), Symbol (@, #, $, %, ^, *, &, +,!, =), होते हैं| इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होती हैं।

कुछ Alphanumeric keys और उनका use कैसे करते है : -

 

Keys

Use

Shift

Single capital letter लिखने के लिए shift key के साथ प्रेस(press) करते है।

Caps Lock

Caps Lock press करने के बाद सारे char capital letter में लिखें जायेंगे।

Tab

एक text बॉक्स से दूसरे text बॉक्स में cursor move करने के लिए।

Enter

Enter press करते ही cursor नई लाइन के starting में चला जायेगा।

Spacebar

दो word के बीच स्पेस देने के लिए।

Backspace

Cursor के पहले के char को delete करने के लिए।



मॉडिफायर कुंजियाँ (Modifier Keys)

Modifier Key का Use particular task perform करने के लिए ज्यादातर दूसरी keys के साथ use किया जाता है। जो कि Ctrl, Alt, Shift जिसे Control keys या Combination Key कहा जाता है।

 

न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad)

न्यूमेरिक की-पैड (Numeric Keypad) में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं| जिनमे 0-9 तक के अंक, गणितीय ऑपरेटर (Mathematics operators) जैसे- +, -. *, / तथा Enter key हो

 

फंक्शन की (Function Keys)

की-बोर्ड के सबसे ऊपर संभवतः ये 12 फंक्शन कुंजियाँ होती हैं| जो F1, F2……..F12 तक होती हैं| ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं| इन Keys के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप बदलते रहते है


Keys

Use

F1

Help विंडो Open करने के लिए।

F2

किसी Selected Item का नाम चेंज करने के लिए।

F3

ब्राउज़र में Search बॉक्स Open करने के लिए।

F4

My Computer में Address Bar List Show करने के लिए।

F5

Browser/Display को Reload/Refresh करने के लिए।

F6

Window Element पर One by One Jump करना।

F7

MS Word में Spell चेक करने के लिए।

F8

MS Office में Selected Item को Extend करना

F9

MS Office में Field Update करने के लिए।

F10

Menu Bar Option Active करने के लिए।

F11

ब्राउज़र Window को फुल Screen Mode में करने के लिए।

F12

MS Office में Save As Box Open करने के लिए।



कर्सर कुंजियाँ (Curse Keys)

Curser key का use किसी document या web page में ऊपर, नीचे, दाएँ, बाएँ move करने के लिए किया जाता है। जिसे Navigation keys भी कहा जाता है।

विशिष्ट उददेशीय (Special Purpose Keys)

Keys

Use

Home

Cursor को लाइन के अंत में ले जाना और webpage के top पर ले जाना।

End

Cursor को लाइन के अंत में ले जाना और webpage के bottom में ले जाना।

Page Up

Cursor या पेज को एक screen ऊपर ले जाना।

Page Down

Cursor या पेज को एक screen नीचे ले जाना।

Delete

selected item या cursor के बाद वाले char को delete करना।



Terminals


टर्मिनल एक असामान्‍य इनपुट डिवाइस है, जो मिनी या मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर में प्रयोग होता है। इसमें एक मॉनीटर तथा बी-बोर्ड होते हैं तथा यह रिमोट कम्‍प्‍यूटर से जुड़ा होता है। इसका प्रयोग डाटा इनपुट करने तथा रिमोट कम्‍प्‍यूटर से जुड़ा होता है। यह सम्‍भवत: तीन प्रकार के डम्‍ब, स्‍मार्ट तथा इंटेजिलेंट टर्मिनल शामिल है।

Drum Terminal:- डम्‍ब टर्मिनल में स्‍वयं किसी प्रकार की प्रोसेसिंग करने की क्षमता नहीं होती है। यह केवल की-बोर्ड की सहायता से डाटा इनपुट कर सकता है तथा मुख्‍य कम्‍प्‍यूटर से सूचनार्थ डाटा प्राप्‍त कर सकता है जो स्‍क्रीन पर प्रदर्शित होता है।

Smart Terminal:- स्‍मार्ट टर्मिनल में डाटा को इनपुट तथा प्राप्‍त करने की क्षमता के अतिरिक्‍त कुछ सीमित प्रोसेसिंग भी कर सकता है। इस तरह के टर्मिनल में बार कोर्ड रीडर, कैश रजिस्‍टर, की-बोर्ड, कैश ड्रावर, प्रिंटर शामिल किया जाता है।

Intelligent Terminal: - इंटेलिजेंट टर्मिनल में डाटा इनपुट, डाटा प्राप्ति के अतिरिक्‍त स्‍वतंत्र प्रोसेसिंग की भी क्षमता होती है। इसमें की-बोर्ड, मॉनीटर, प्रोसेसिंग यूनिट, स्‍टोरेज यूनिट एवं सॉफ्टवेयर होते है।


Pointing Input Devices

Pointing device वैसे device को कहा जाता है जो की computer screen पर cursor को control करने का काम आता है। जितने भी इनपुट डिवाइस हैं जो की cursor को कण्ट्रोल करने का काम करते हैं उन्हें pointing device कहा जाता है। जैसे Mouse, trackball, graphics tablets etc.

Mouse:- Mouse एक pointing Input Device है। Mouse को हाथ से पकड़कर हम जिस दिशा में घुमाते है screen में pointer भी उसी दिशा में घूम जाता है। सामान्यतः Mouse में दो या तीन बटन होते है जिनकी सहायता से कंप्यूटर को निर्देश दिये जाते है। ये तीन बटन left click, right click व scroll होते है जिसका use पॉइंट के लिए करते है।

Mouse के कार्य

1. Clicking: किसी आबजेक्ट जैसे - File, Folder, Option, को सलेक्ट करने के लिए।

2. Double Clicking: किसी आबजेक्ट को Open या Run करने के लिए होता है।

3. Right Clicking: किसी Object से संबंधित Options को देखने के लिए।

4. Drag & Drop: किसी आबजेक्ट को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर ले जाना।

5. Scrolling: वर्तमान में खुले हुए Document के Pages को उपर-नीचे खिसकाना।

माउस तीन प्रकार के होते हैं:
  1. Mechanical mouse
  2. Optical Mouse
  3. Cordless mouse


Trackball : ट्रैक बोल एक Pointing input Device है जो माउस (Mouse) की तरह ही कार्य करती है। इसमें एक उभरी हुई गेंद होती है तथा कुछ बटन होते है। सामान्यतः पकड़ते समय गेंद पर आपका अंगूठा होता है तथा आपकी उंगलियों उसके बटन पर होती है। स्क्रीन पर पॉइंटर (Pointer) को घुमाने के लिये अंगूठा से उस गेंद को घुमाते है। ट्रैकबल (Trackball) को माउस की तरह घुमाने की आवश्यकता नहीं होती इसलिये यह अपेक्षाकृत कम जगह घेरता है। इसलिए इसका प्रयोग Laptop , Mobile जैसे छोटे डिवाइस में किया जाता है।

Joystick : यह डिवाइस वीडियो गेम्स खेलने के काम आने वाला इनपुट डिवाइस है। प्रयोग बच्चों द्वारा प्रायः कंप्यूटर पर खेल खेलने के लिये किया जाता है। वैसे तो कंप्यूटर के सारे खेल keyboard दवारा खेले जा सकते हैं परन्तु कुछ खेल तेज गति से खेले जाते है इसके लिए आसान Joystick से खेल सकते है उन खेलो में बच्चे अपने आप को सुविधाजनक महसूस नहीं करते है इसलिए Joystick का प्रयोग किया जाता है। इसमें एक हैंडल (Stick) होता है जिसे जिस दिशा में घुमाया जाय स्क्रीन में प्रदर्शित object भी उसी दिशा में घूम जाता है।

Light Pen : Light Pen को स्टाईलस (Styles) भी कहा जाता है। लाइट पेन (Light Pen) का प्रयोग कम्यूटर स्क्रीन पर कोइ चित्र या graphics बनाने में किया जाता है। Light Pen में एक प्रकाश संवेदनशील कलम की तरह एक युक्ति होती है। जिसका प्रयोग screen पर object के चयन के लिये होता है। Light Pen की सहायता से बनाया गया कोई भी graphics computer पर संग्रहित किया जा सकता है तथा आवश्यकतानुसार इसमें सुधार किया जा सकता। इनका प्रयोग सामान्यतः Palmtop pc computers जैसे - स्मार्टफोन , टेबलेट , पीडीए आदि में किया जाता है

Touch Screen : टच स्क्रीन एक Input device है। इसमें एक संवेदनशील Display होती है जिसकी सहायता से User किसी Pointing Device की वजह अपनी अंगुलियों का प्रयोग कर screen पर menu या किसी object का चयन करता है। जब भी हम अपनी उंगली से Touch Screen के किसी भाग पर क्लिक करते है तो इससे signal उत्पन्न होता है जो सीपीयू में प्रोसेसिंग के लिए चला जाता है। स्मार्टफोन, टेबलेट, PDA, आदि में टचस्क्रीन का प्रयोग किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आजकल रेलवे स्टेशन, अस्पताल, शॉपिंग मॉल , ATM. इत्यादि में होने लगा है।


Digitizing Tablet: Digitizing Tablet को graphics टेबलेट भी कहा जाता है। यह एक ऐसा input device है जिसे computer में drawing या graphic बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका इस्‍तेमालज्‍यादातर CAD (Computer Aided Design) Software के लिए किया जाता है। इसमें भी एक touch screen वाला इलेक्ट्रानिक display होता है जिसमें स्टाइल की सहायता से कुछ भी ड्रॉ किया जाता है। हम बाद में हमारे द्वारा बनाए गए drawing को computer की memory में digital रुप में save कर लेते हैं। Digitizing Tablet में कुछ बटन भी होते है। Digitizing Tablet टैबलेट में ट्रैकबाल भी होता है।

Scanning Input Devices

यह किसी Page पर बनी आकृति या लिखित सूचना Computer मे Input करता है। इसका मुख्य लाभ यह है कि User को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है जिसस समय की बचत होता है । इस प्रकार हम कह सकते है कि स्केनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें Document । सीधे ही Hard copy-to-Soft copy Conversion होता है। आजकल PC के लिए अनेक प्रकार के स्केनर उपलब्ध है जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण स्केनर निम्नलिखित हैं

Scanner : Image Scanner सर्वाधिक प्रचलित स्केनर है जिसका प्रयोग स्कूल, कालेज, आफिस सभी जगह किया जाता है। यह एक सामान्य प्रकार का स्केनर है जो कागज पर लिखी सूचना या चित्र को स्कैन कर उसका इमेज file बनाता है और computer की memory में save करता है । इसमें एक समतल सतह होता है जिसके उपर scan किए जाने वाले document को रखा जाता है। हम Image Scanner के द्वारा बनाए गए image पर आसानी से editing भी कर सकते है। वर्तमान में बहुत प्रकार के Image Scanner उपलब्ध है जिनका Resolution 300 DPI से प्रारंभ होता है। यहाँ Resolution से तात्पर्य scanner द्वारा scan किए गए Document के quality से है। scanner का Resolution जितना अधिक होगा क्वालिटी भी उतनी ही बढ़िया होगी।

OCR (Optical Character Recognition) :- 0CR एक ऐसी तकनीक है जिसका प्रयोग कागज पर बने किसी विशेष प्रकार के चिन्ह, अक्षर या नबर को स्कैन करने के लिये किया जाता है। OCR Document चिन्हों एवं अछरो को Text के रुप में स्कैन करता है जो आगे की प्रोसेसिंग के लिए डेटा का कार्य कर टाइपराइटर से छपे हुए करेक्टर्स, कैश रजिस्टर के कैरक्टर और क्रेडिट कार्ड के कैरेक्टर को पढ लेता है OCR इन कैरेक्टर को स्कैन करने के लिए कागज पर प्रकाश डालता है जिससे कागज का dark area प्रकाश अवशोषित कर लेता है और light area प्रकाश को परावर्तित करता है । OCR इन्हीं परावर्तित कर कागज पर लिखे अक्षरों को Text में परिवर्तित करता है। OCR विशेष प्रकार के फान्ट वाले अक्षरा को ही स्कैन करता है जिन्हें OCR स्टैंडई कहते हैं जो कंप्यूटर में पहले से ही संग्रहित रहते हैं।

OCR का full form “Optical Character Reader” or “Optical Character Recognition” होता है| यह एक input device होता है जिसका इस्तेमाल पेपर पर लिखे गए handwritten text या image या computer के द्वारा printed text और image को machine encoded format में convert करने के लिए किया जाता है|

इसका उपयोग paper में लिखे गए text को read करके computer के memory में store करने के लिए होता है| यह scanner से अगल है क्योंकि स्कैनर आपके document को scan करके computer में image के form में स्टोर करता है जबकि OCR आपके डॉक्यूमेंट पर लिखे गए text को read करके computer में enter करता है जिसे आप बाद में word processor में भी edit कर सकते हैं|

MICR : Magnetic Ink Character Recognition व्यापक रूप से बैंकिंग में प्रयोग होने वाला स्केनर है जहाँ लोगो को चेक की बड़ी संख्या के साथ काम करना होता हैं। इसे संक्षेप में MICR कहा जाता हैं। MICR का प्रयोग चुम्बकीय स्याही (Magnetic Ink) से छपे कैरेक्टर को स्कैन करने के लिये किया जाता हैं । यह मशीन चेक पर लिखे गए चुंबकीय स्याही वाले अक्षरों को स्कैन करता है। यह भी OCR की तरह ही विशेष प्रकार के फान्ट वाले अक्षरों को ही स्केन करता है जिन्हें MICR स्टैडडर्र कहते हैं जो कप्यूटर में पहले से ही संग्रहित रहते है MICR बहुत तेज व स्वचालित होता है। इससे गलती नहीं होती है इसलिए इसे बैंक से संबंधित दस्तावेजों की processing के लिए एक विश्वसनीय साधन माना जाता है।

OMR : OMR या Optical Mark Reader एक ऐसा डिवाइस है जो किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिन्ह (Mark) की उपस्थिति और अनुपस्थिति को जांचता है। यह exam में उत्तरपुस्तिका के लिए सही है OMR के द्वारा उत्तरपुस्तिका पर प्रकाश डाला जाता है और परावर्तित प्रकाश को जांचा जाता है। जहाँ चिन्ह उपस्थित नहीं होगी कागज के उस भाग से परावर्तित प्रकाश की तीव्रता अधिक होगी इस प्रकार OMR यह पता लगा लेता है कि विद्यार्थी ने किस विकल्प पर Tick किया है फिर उसे कम्प्यूटर के पास प्रोसेसिंग के लिए भेजता है। कम्प्यूटर में सभी प्रश्नों के सही उत्तर पहले से ही लोड होते है अतः कम्प्यूटर OMR से प्राप्त जानकारी को सही उत्तर से Match करता है और विद्यार्थी का जवाब सही होने पर अंक देता हैं

BCR : BAR CODE READER उत्पाद (Products ) से सम्बंधित टेक्स्ट रापना को कोड में बदलने की एक सरल व् सस्ती पद्धति है। जिसमें Bar Code Reader (BCR) दुबारा न किया जाता है। BCR का प्रयोग दो-दो दुकान एवं शॉपिंग माल में किया जाता है। सामान्यतः बार कोड bars तथा blanks की समांतर लाइन के समुँह को कह सकते है सही मायने में कहते भी है। इसमें coding का प्रयोग करके उत्पाद से संबंधित है जैसे- name, address आदि को संग्रहित किया जाता है। इसके बाद में bar code में संग्रहित किए गए data को bar code रीडर के द्वारा पढा जाता है जो bar code से data की computer में processing के लिए भेजता है। अंत में कम्प्यूटर BCR द्वारा प्राप्त डेटा के अनुसार बिल बनाता है।
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